चुम्न मन छ ती गालामा आईदिनु है माया
ऐठन जाग्छ निन्द्रामा आईदिनु है माया ।

रातकाे निन्द्रा चयन छैन तिमी बिना मेराे
आज राती सपनामा आईदिनु है माया।

बिहानि घामकाे झुल्काे संगै छुटेका हौं हामी
गुनगुनाउदै साँझमा चाहिँ आईदिनु है माया।

तिमी बिना मँ बसेकाे बस्ती अधेंराे छ अचेल
मनकाे दियाे बनी रातमा आईदिनु है माया।

सालिग्राम भट्ट
काठमाडौ

 

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